इतिहास
जिला-बेमेतरा
जिला बेमेतरा रायपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग में बसा हुआ है जिला बेमेतरा छत्तीसगढ़ के 7 प्रमुख जिलों रायपुर, बलौदाबाजार, राजनांदगांव, दुर्ग, कवर्धा, मुंगेली, बिलासपुर से जुड़ा है। राजस्व जिला बेमेतरा दिनांक 01 जनवरी 2012 को अस्तित्व में आया है।
सिविल कोर्ट बेमेतरा का संक्षिप्त इतिहास
सिविल कोर्ट बेमेतरा का शुभारंभ सन् 1906 में हुआ है। दुर्ग जिले के सबसे बड़े तहसील के रूप में पहचाना जाने वाला बेमेतरा तहसिल में सिविल कोर्ट सबसे बड़ा सिविल कोर्ट का रूप में पहचाना जाता था। इस तहसील के अंतर्गत रेगूलर सिटींग जजों की संख्या 4 रही है। फैमिली कोर्ट लिंक कोर्ट के रूप में माह के अंतिम सप्ताह मे संचालित होता था जो दिनांक 01 सितम्बर 2017 से नियमित रूप से संचालित हो रहा है।
अधिसूचना क्र.6867/तीन-10-8/2000(VI) बिलासपुर दिनांक 23.09.2013 के द्वारा दिनांक 02.10.2013 से नवीन सिविल जिला बेमेतरा का शुभारंभ हुआ है।
जिला एवं सत्र न्यायालय बेमेतरा का उद्घाटन दिनांक 02 अक्टूबर 2013 को माननीय न्यायमूर्ती श्री सुनील कुमार सिन्हा, उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ द्वारा किया गया एवं श्री ए.के.बेक ने प्रथम जिला एवं सत्र न्यायधीश के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।
भौगोलिक स्थिति
बेमेतरा जिले की भौगौलिक स्थिति पूर्णतः मैदानी है तथा जिले का जलवायु उष्ण है। बेमेतरा जिले की कुल जनसंख्या 795334 है। जिले का कुल क्षेत्रफल 285481 वर्ग किलोमीटर हैं जिले की प्रमुख नदियां सुरही, हाफ, संकरी व शिवनाथ नदी है।
जिला बेमेतरा अंतर्गत प्रशासन तंत्र
- राजस्व तहसील-03 साजा,बेरला,नवागढ़
- तहसील-05 बेमेतरा, साजा, बेरला, नवागढ़, थानखम्हरिया
- नगरपालिक-01 बेमेतरा
- नगर पंचायत-07 साजा, नवागढ़, बेरला, मारो, थानखम्हरिया, देवकर, परपोड़ी
- ग्राम पंचायत-334
- आबाद ग्राम-697
- विधान सभा क्षेत्र-03 बेमेतरा, साजा, नवागढ़
शिक्षण संस्थान:-
- शासकीय महाविद्यालय -06 हायर सेकेण्ड्री स्कूल
- हाई स्कूल-149
- पूर्व माध्यमिक शाला -373
- प्राथमिक विद्यालय -771
परिवहन,आवागमन एवं उद्योगः-
इस जिले मे रेल्वे लाईन का अभाव है एवं जिले से दो प्रमुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग एन एच 200 गुजरते हैं। बेमेतरा -दुर्ग, मुंगेली से व्हाया बेमेतरा, कुम्हारी राज्यमार्ग प्रमुख है। जो प्रमुख नगरों दुर्ग,रायपुर,बिलासपुर , भिलाई एवं कवर्धा को बेमेतरा से जोड़़ते है। इस जिले में कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं है । लधु एवं कुटीर उद्योग के रूप में लोग ईट,गुड़ बर्तन,कपड़े बांस कार्य, घरेलु आदि का निमार्ण करते है। जिले मे पर्याप्त राईस मिल स्थित है। लघु रूप में जूता,साबून एवं मसाला आदि उद्योग संचालित है।